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ULCERATIVE COLITIS(आंतों में सूजन )

  • Writer: Rituraj Diwan
    Rituraj Diwan
  • Jul 23, 2020
  • 6 min read

आंतों में सूजन (अल्सरेटिव कोलाइटिस) क्या है?

अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis) एक इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD/ आंतों में होने वाली सूजन) है, जो आपके पाचन तंत्र में दीर्घकालिक सूजन और अल्सर का कारण बनती है। अल्सरेटिव कोलाइटिस बड़ी आंत (कोलन) और मलाशय की अंदरूनी परत को प्रभावित करती है। इसके लक्षण आमतौर पर अचानक दिखाई देने के बजाय धीरे-धीरे विकसित होते हैं।

अल्सरेटिव कोलाइटिस कभी-कभार कम सक्रिय भी हो सकती है, लेकिन कुछ मामलों में यह हमारे जीवन के लिए खतरनाक साबित होती है। अल्सरेटिव कोलाइटिस का फिलहाल कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन इसके लिए अपनाए जाने वाले कुछ उपायों से रोग के लक्षणों को कम किया जा सकता है तथा इससे लंबे समय तक छुटकारा पाया जा सकता है।




अल्सरेटिव कोलाइटिस के प्रकार - Types of Ulcerative Colitis

आंतों में सूजन (अल्सरेटिव कोलाइटिस) के कितने प्रकार होते हैं ?

डॉक्टर, प्रभावित जगह के अनुसार अल्सरेटिव कोलाइटिस को वर्गीकृत करते हैं। इसके निम्नलिखित प्रकार होते हैं -

अल्सरेटिव प्रोक्टाइटिस (Ulcerative proctitis) - अल्सरेटिव प्रोक्टाइटिस में सूजन गुदा (मलाशय) के निकट क्षेत्र तक ही सीमित होता है और गुदा से खून आना इसका एकमात्र लक्षण हो सकता है। अल्सरेटिव कोलाइटिस का यह प्रकार सबसे हल्का माना जाता है।

प्रोक्टोसिग्मोइडाईटिस (Proctosigmoiditis) - प्रोक्टोसिग्मोइडाईटिस में सूजन मलाशय और सिगमोइड बड़ी आंत (बड़ी आंत का निचला भाग) में होती है। खूनी दस्त, पेट में ऐंठन व दर्द और आंत की गतिविधियों में असमर्थता इसके आम लक्षण हैं।

लेफ्ट-साइडेड कोलाइटिस (Left-sided colitis) - लेफ्ट-साइडेड कोलाइटिस में सूजन मलाशय से सिगमोइड बड़ी आंत (बड़ी आंत का निचला भाग) और अवरोही बृहदान्त्र तक फैली होती है। खूनी दस्त, पेट में ऐंठन व बाईं तरफ दर्द और वजन घटना इसके आम लक्षण हैं।

पैनकोलाइटिस (Pancolitis) - पैनकोलाइटिस अक्सर पूरी बड़ी आंत को प्रभावित करता है। इसमें खूनी दस्त (जो गंभीर हो सकते हैं), पेट में ऐंठन व दर्द, थकान और वजन घटना जैसे लक्षण मौजूद होते हैं।

एक्यूट सेवर अल्सरेटिव कोलाइटिस (Acute severe ulcerative colitis) - यह अल्सरेटिव कोलाइटिस का एक दुर्लभ प्रकार है, जो पूरी बृहदान्त्र को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में गंभीर पेट दर्द, अत्यधिक दस्त, दस्त के समय खून निकलना, बुखार और खाने में असमर्थता शामिल है।

अल्सरेटिव कोलाइटिस के कारण - Ulcerative Colitis Causes

आंतों में सूजन (अल्सरेटिव कोलाइटिस) क्यों होती है?

अल्सरेटिव कोलाइटिस का सही कारण अभी तक अज्ञात है। पहले, आहार और तनाव को इसका कारण माना जाता था, लेकिन अब डॉक्टर मानते हैं कि ये कारक इसे बढ़ा सकते हैं, हालांकि डॉक्टर यह भी कहते हैं कि बस यहीं सब कारक इसका कारण नही हैं।

प्रतिरक्षा प्रणाली -

अल्सरेटिव कोलाइटिस का एक संभावित कारण प्रतिरक्षा प्रणाली की खराबी है। जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली एक वायरस या जीवाणु से लड़ने की कोशिश करती है, तो असामान्य प्रतिक्रिया से प्रतिरक्षा प्रणाली पाचन तंत्र की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है।

आनुवंशिकता -

जिन लोगों के परिवार में अन्य सदस्यों को अल्सरेटिव कोलाइटिस है, उन्हें भी यह रोग हो सकता है। हालांकि, अल्सरेटिव कोलाइटिस से ग्रस्त ज्यादातर लोगों को इसका पारिवारिक इतिहास नहीं होता है।

अल्सरेटिव कोलाइटिस किन किन कारकों से हो सकता हैं?

अल्सरेटिव कोलाइटिस महिलाओं और पुरुषों को बराबर प्रभावित करता है। इसके जोखिम कारक निम्नलिखित हैं -

1. उम्र - अल्सरेटिव कोलाइटिस आमतौर पर 30 साल की उम्र से पहले शुरू होता है। लेकिन, यह किसी भी उम्र में हो सकता है।

2. परिवार का इतिहास - यदि आपके माता-पिता, भाई-बहन या बच्चे को अल्सरेटिव कोलाइटिस है, तो आपको भी यह होने का अधिक जोखिम है।

3. आइसोट्रेटिनोइन (Isotretinoin) - आइसोट्रेटिनोइन एक ऐसी दवा है जो कभी-कभी मुंहासे का इलाज करने में उपयोग होती है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि यह इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (आईबीडी) के लिए एक जोखिम कारक है। लेकिन अभी तक अल्सरेटिव कोलाइटिस व आइसोट्रेटिनोइन के बीच स्पष्ट सम्बन्ध स्थापित नहीं हुआ है।

आंतों में सूजन के लक्षण - Ulcerative Colitis Symptoms

आंतों में सूजन (अल्सरेटिव कोलाइटिस) के क्या लक्षण होते हैं?

अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षण इसकी गंभीरता और स्थान पर निर्भर करते हैं।

इसके निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं -

1. रक्त या मवाद के साथ अक्सर दस्त होना।

2. पेट दर्द और ऐंठन।

3. गुदा में दर्द।

4. गुदा से रक्तस्राव - मल के साथ कुछ मात्रा में रक्त निकलना।

5. बार-बार मल त्याग करने की इक्छा।

6. मल त्याग की तत्काल इच्छा के बावजूद मल त्यागने में असमर्थता।

7. वजन घटना।

8. थकान।

9. बुखार।

10. बच्चों में, शारीरिक वृद्धि नहीं होना ।

अल्सरेटिव कोलाइटिस से ग्रस्त अधिकांश लोग इसके हल्के लक्षणों का अनुभव करते हैं। हालांकि कई लोगों में यह बीमारी बहुत लंबे समय तक चलती है। अल्सरेटिव कोलाइटिस होने के कारण अलग अलग लोगों में अलग हो सकते हैं।

अल्सरेटिव कोलाइटिस का परीक्षण - Diagnosis of Ulcerative Colitis

आंतों में सूजन (अल्सरेटिव कोलाइटिस) का निदान कैसे होता है ?

अल्सरेटिव कोलाइटिस का निदान करने के लिए, आपके डॉक्टर सबसे पहले आपके लक्षण देखकर यह तय करते हैं कि आपको यह बीमारी इन कारणों से हुई है। इसके बाद बीमारी का निदान करने के लिए निम्नलिखित परीक्षण और प्रक्रियाओं का उपयोग किया जा सकता है -

रक्त परीक्षण- एनीमिया या किसी संक्रमण की जांच करने के लिए आपके डॉक्टर रक्त परीक्षण कर सकते हैं। गौरतलब है कि एनीमिया में ऑक्सीजन को आपके ऊतकों यानी टिश्यू तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाएं नहीं होती है।

मल परीक्षण- आपके मल में मौजूद सफेद रक्त कोशिकाएं, अल्सरेटिव कोलाइटिस का निदान कर सकती हैं। यह परीक्षण अन्य विकारों के निदान करने में भी मदद कर सकती है, जैसे - बैक्टीरिया, वायरस और अन्य परजीवी की वजह से होने वाले संक्रमण।

कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) - इस परीक्षण से आपके डॉक्टर एक छोटे कैमरे से जुडी एक पतली, लचीली, रोशनी वाली ट्यूब का उपयोग करके आपकी पूरी बड़ी आंत को देखते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान, आपके डॉक्टर विश्लेषण के लिए ऊतक के छोटे नमूने भी ले सकते हैं (बायोप्सी)। कभी-कभी ऊतक का नमूना निदान की पुष्टि करने में सहायता कर सकता है।

फ्लेक्सिबल सिग्मोईडोस्कोपी (Flexible sigmoidoscopy) - फ्लेक्सिबल सिग्मोईडोस्कोपी में आपके डॉक्टर, बड़ी आंत के आखिरी हिस्से और मलाशय की जांच करने के लिए एक पतली, लचीली रोशनी की ट्यूब का उपयोग करते हैं। यदि आपकी बड़ी आंत के एक हिस्से में में गंभीर रूप से सूजन है, तो आपके डॉक्टर एक पूर्ण कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) के बजाय यह परीक्षण कर सकते हैं।

एक्स-रे -

अगर आपके लक्षण गंभीर हैं, तो आपके डॉक्टर अन्य समस्याओं का निदान करने के लिए पेट के क्षेत्र का एक्स-रे कर सकते हैं, जैसे छिद्रित बृहदान्त्र (बड़ी आंत का एक हिस्सा)।

सीटी स्कैन - यदि आपके डॉक्टर को अल्सरेटिव कोलाइटिस की किसी जटिलता का शक होता है, तो वे आपके पेट का सीटी स्कैन कर सकते हैं। सीटी स्कैन यह भी दिखा सकता है कि बृहदान्त्र में कितनी सूजन है।

आंतों में सूजन का इलाज - Ulcerative Colitis Treatment

आंतों में सूजन (अल्सरेटिव कोलाइटिस) का उपचार कैसे होता है?

अल्सरेटिव कोलाइटिस एक लम्बी चलने वाली समस्या है। इसके उपचार में आमतौर पर दवाएं या सर्जरी शामिल होती है। उपचार का लक्ष्य सूजन को कम करना होता है जो आपके लक्षणों का कारण बनती है।

दवाएं - आपके चिकित्सक सूजन को कम करने के लिए कुछ दवाएं लिख ​​सकते हैं। इन दवाओं में सल्फासालजीन, मेसालामाइन, बाल्सालाज़ीड और ऑल्स्लाज़ाइन शामिल हैं। सूजन को कम करने से रोग के कई लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।

अधिक गंभीर मामलों में कोर्टेकोस्टेरोएड्स, एंटीबायोटिक दवाएं, दवाइयां जो प्रतिरक्षा प्रणाली की गतिविधि को कम करती हैं या एंटीबॉडी दवाओं का उपयोग किया जाता है।

सर्जरी - जब अत्यधिक रक्तस्राव, कमजोर करने वाले लक्षण, बृहदान्त्र (बड़ी आंत के एक हिस्से में) में छेद या गंभीर ब्लॉकेज होते हैं तो सर्जरी आवश्यक होती है। सीटी स्कैन या कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) इन गंभीर समस्याओं का निदान कर सकते हैं।

यदि आपके लक्षण गंभीर हैं, तो आपको निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) और इलेक्ट्रोलाइट्स के नुकसान के प्रभावों को ठीक करने के लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होगी।

अल्सरेटिव कोलाइटिस की जटिलताएं - Ulcerative Colitis Complications

आंतों में सूजन (अल्सरेटिव कोलाइटिस) होने से अन्य क्या परेशानियां होती हैं?

अल्सरेटिव कोलाइटिस की संभावित जटिलताएं निम्नलिखित हैं -

1. अत्यधिक रक्तस्राव।

2. बृहदान्त्र में छेद (छिद्रित बृहदान्त्र)।

3. गंभीर निर्जलीकरण

4. जिगर की बीमारी (दुर्लभ)।

6. त्वचा, जोड़ों व आंखों में सूजन और मुंह में छाले

8. तेजी से बृहदान्त्र में सूजन आना।

9. नसों और धमनियों में खून के थक्कों का बढ़ता जोखिम।

आंतों में सूजन से बचाव - Prevention of Ulcerative Colitis

आंतों में सूजन (अल्सरेटिव कोलाइटिस) से बचाव के क्या उपाय हैं?

इसका कोई ठोस सबूत नहीं है कि कैसा खाना अल्सरेटिव कोलाइटिस को प्रभावित करता है। लेकिन, कुछ खाद्य पदार्थ इसके प्रभाव को बढ़ा सकते हैं।

इससे बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय मददगार साबित हो सकते हैं -

1. पूरे दिन में पानी की थोड़ी-थोड़ी मात्रा पीना।

2. दिन भर में कई बार थोड़ा-थोड़ा भोजन खाना।

3. ज्यादा फाइबर युक्त आहार का सीमित सेवन करना।

4. फैट युक्त खाद्य पदार्थ कम खाना।

5. यदि आप लैक्टोज इन्टॉलरेंट हैं तो दूध कम पीना।

इनके अलावा, अपने डॉक्टर से पूछें कि क्या आपको मल्टी-विटामिन लेना चाहिए?

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