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Ascites

  • Writer: Rituraj Diwan
    Rituraj Diwan
  • Jul 27, 2020
  • 4 min read

जलोदर (पेट में पानी भरना) क्या है?

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पेट में दूषित पानी जमा होने की वजह से जलोदर होता है। यह दो झिल्लीदार परतों के बीच में बनता है जो एक साथ मिलकर पेरिटोनियम (peritoneum ) बनाते हैं। पेरिटोनियम एक चिकनी थैली होती है जिसमें शरीर के अंग होते हैं। पेरिटोनियम में थोड़ी मात्रा में तरल पदार्थ होना सामान्य होता है।

इस तरल पदार्थ के इकट्ठे होने की वजह से सूजन हो जाती है जो आम तौर पर कुछ हफ्तों में विकसित हो जाती है, हालांकि यह कुछ ही दिनों के अंदर भी देखने को मिल सकती है।  

जलोदर होने से आप बहुत असहज महसूस करते हैं। आप मतली, थकावट, सांस फूलना, और पेट भरे रहना जैसे लक्षण महसूस करते हैं।  


जलोदर के प्रकार - Types of Ascites

जलोदर को 2 प्रकारों में बांटा गया है: ट्रांस्ड्यूएटीव (transduative) या एक्स्युडेटिव (exudative)। यह वर्गीकरण तरल पदार्थ में पाए जाने वाले प्रोटीन की मात्रा पर आधारित है। जलोदर ग्रस्त अंग में यह प्रोटीन तरल यानि एल्बुमिन जितना पाया जाता है, उसकी बाकि शरीर यानि खून में मिलने वाले एल्बुमिन से तुलना की जाती है। एल्बुमिन का आशय प्रोटीन के उस साधारण रूप से है, जो पानी में घुल जाता है और गर्मी से मुलायम हो जाता है।  अंर्तनिहित कारणों के आधार पर ही जलोदर को अलग अलग श्रेणियों में बांटा गया है। इन श्रेणियों के आधार पर जलोदर के प्रकार है:

जलोदर (पेट में पानी भरने) के कारण - Ascites Causes लिवर सिरोसिस नामक बीमारी इसका सबसे आम कारण है। जब सिरोसिस होता है, लिवर में खून का प्रवाह रुक जाता है। (पोर्टल नस नामक एक मुख्य नस, जो पाचन अंगों से खून को लिवर तक पहुंचाती है।) अवरोध होने पर उस नस में दबाव बढ़ता है । इस स्थिति को पोर्टल हाइपरटेंशन (portal hypertension) कहा जाता है। इस स्थिती के होने को ही जलोदर कहा जाता है। ऐसे में गुर्दे, मूत्र के माध्यम से पर्याप्त सोडियम (नमक), शरीर से बाहर नहीं निकाल पाते हैं। नमक के शरीर से छुटकारा पाने में सक्षम नहीं होने से पेट में तरल पदार्थ बनने लगते है, जिसके परिणामस्वरूप जलोदर होता है। कई बीमारियां जलोदर का कारण बन सकती हैं जेसे टीबी, गुर्दे की बीमारी, अग्नाशयशोथ, और अंडरएक्टिव थायराइड। हालांकि जलोदर  के प्राथमिक कारण हार्ट फेलियर, सिरोसिस, और कैंसर हैं।


पेट में पानी भरने (जलोदर) के लक्षण - Ascites Symptoms जलोदर अक्सर दर्दनाक होता है और आम तौर पर व्यक्ति निम्न दिक्कतें महसूस करता है - 

  • थकान  

  • मतली 

  • सांस फूलना

  • भूख न लगना

  • बार-बार पेशाब आने जैसा महसूस होना और

  • कब्ज

तरल पदार्थ के इकट्ठे होने से शरीर के अन्दर मौजूद अंगों पर दवाब पड़ता है जिसकी वजह से इस रोग से ग्रसित व्यक्ति तरह-तरह की समस्याओं का सामना करता है। जलोदर सूजन, पेट और पीठ दर्द का कारण बन सकता है, और व्यक्ति को बैठने और चलने में कठिनाई हो सकती है।

 

जलोदर का निदान - Diagnosis of Ascites

जिन बीमारियों के होने की वजह से जलोदर होता है, उनमें से अधिकतर बीमारियां जानलेवा होती हैं। शुरुआत में पहली जांच आमतौर पर पेट की होती है। डॉक्टर व्यक्ति के लेटने और खड़े होने पर उसके पेट को देखकर पेट के आकार को जांचते हैं जिससे पता चल सके कि पेट में तरल पदार्थ बना है या नहीं। नियमित रूप से पेट के आकार को जांचने और शरीर का वजन तोलने से जलोदर के बढ़ने का पता किया जा सकता है। ये जांच सहायक होती हैं क्योंकि पेट के तरल पदार्थ में परिवर्तन के कारण से हुआ वजन में उतार-चढ़ाव, शरीर में मौजूद फैट के कारण से हुए वजन में उतार-चढाव से अधिक तेज़ी से होता है।  एक बार जलोदर की पुष्टि हो जाने के बाद, कारण का पता करने के लिए अन्य परीक्षणों की आवश्यकता हो सकती है, जिसमें शामिल है:

ब्लड टेस्ट: आमतौर पर लिवर और किडनी सही प्रकार से काम कर रहे है या नहीं यह पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है। यदि सिरोसिस की पुष्टि हो जाती है, तो कारणों का पता लगाने के लिए, और परीक्षणों की आवश्यकता होती है जेसे कि हेपेटाइटिस बी या सी के लिए एंटीबॉडी परीक्षण। 

तरल पदार्थ की जांच: तरल पदार्थ के नमूने में कैंसर की कोशिकाएं मौजूद हो सकती हैं या कोई संक्रमण हो सकता है। डॉक्टर एक सिरिंज (सुई) की मदद से पेट से दूषित तरल पदार्थ को निकालकर लैब में जांच के लिए भेजते हैं। 

पेट का अल्ट्रासाउंड: यह जलोदर के अन्य कारणों की पहचान के लिए सहायक है। इससे कैंसर का पता लगाया जा सकता है, साथ ही ये भी पता किया जा सकता है कि कैंसर लिवर में फैला है या नहीं। अगर अल्ट्रासाउंड से जलोदर के कारण का पता नहीं लगता है, तो डॉक्टर एमआरआई कराने को कह सकते हैं। एक्स-रे भी जलोदर का पता लगाने में लाभकारी है। इससे लिवर में तरल पदार्थ का निर्माण, फेफड़ों में फैले कैंसर, या हार्ट फेल होने की पुष्टि कर सकते हैं।


पेट में पानी भरने (जलोदर) का इलाज - Ascites Treatment

यदि सिरोसिस, जलोदर का कारण बनता है, तो व्यक्ति के शरीर में नमक की मात्रा को कम करके और डाययुरेटिक्स (diuretics) नामक गोलियों की मदद से शरीर में पानी की मात्रा को बढाकर लाभ पाया जा सकता है। ये गोलियां मूत्रवर्धक होती हैं और ये शरीर में पानी की कमी होने से रोकती हैं। हालांकि यह तरीका कई परिस्थितियों में प्रभावी साबित होता है, लेकिन कुछ प्रकार के जलोदर में इलाज का ये तरीका काम नहीं करता है। गंभीर मामलों में लिवर ट्रांसप्लांट सबसे बेहतर इलाज का तरीका है ,अन्य उपचारों में शामिल हैं:

पैरासेन्टेसिस (Paracentesis) अतिरिक्त मात्रा में तरल पदार्थ होने पर पेरासेन्टिसिस नामक तकनीक का सहारा लिया जा सकता है। इस तकनीक में डॉक्टर पेट में एक सुई डालकर अतिरिक्त तरल पदार्थ को शरीर से बाहर निकालते हैं। 

शंट (shunts) जब ग्रसित व्यक्ति को कैंसर होने के कारण जलोदर होता है तो डॉक्टर शंट (एक प्रकार से ट्यूब जैसा) की मदद से पेट से अतिरिक्त तरल पदार्थ बाहर निकालते हैं। 

कीमोथेरपी (chemotherapy) कीमोथेरपी कैंसर को कम करने या नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। ये तरल पदार्थ को बनने से कभी-कभी रोक सकती है लेकिन इस तरीके के नतीजे बहुत ही कम देखने को मिलते हैं।


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