Viral Hepatitis
- Rituraj Diwan
- Jul 27, 2020
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हेपेटाइटिस वायरल इंफेक्शन है। यह बीमारी लिवर को प्रभावित करती है। लिवर का काम शरीर के सभी अंगों को पोषक तत्त्व पहुंचाना होता है। हेपेटाइटिस के संक्रमण से लिवर में सूजन आ जाती है। इससे व्यक्ति को पीलिया हो जाता है। यह संक्रामक बीमारी है जो लापरवाही करने पर एक से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकती है। जानलेवा भी हो सकती है।
डॉ क्टर्स की मानें तो हेपेटाइटिस बी व सी सबसे ज्यादा खतरनाक होते हैं। इसके मरीजों को लिवर सिरोसिस होने की आशंका रहती है। इसमें मरीजों का लिवर सिकुड़कर काम करना बंद कर देता है। कई बार लिवर में पानी भर जाता है। खून की उल्टियां होने लगती हैं और शरीर पर सूजन आ जाती है। मरीज को लिवर कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है।
वायरल हेपेटाइटिस (Viral Hepatitis) एक ऐसी बीमारी है जो वायरस के कारण लिवर को प्रभावित करती है. वायरल हेपेटाइटिस (Viral Hepatitis) के मुख्य रूप से दो प्रकार हैं. एक तो संक्रामक हेपेटाइटिस और दूसरा रक्त जनित हेपेटाइटिस. संक्रामक हेपेटाइटिस भोजन और पानी से फैलता है. रक्त जनित हेपेटाइटिस शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में आने पर फैलता है. संक्रामक हेपेटाइटिस में ए और ई आते हैं. रक्त जनित हेपेटाइटिस में बी और सी आता है. खतरे के हिसाब से देखा जाए तो हेपेटाइटिस सी सबसे ज्यादा खतरनाक होता है. हेपेटाइटिस बी भी सी के बराबर ही खतरनाक होता है. वायरल हेपेटाइटिस (Viral Hepatitis) से बचने के लिए इनके बारे में जानकारी रखना बेहद जरूरी है. Hepatitis विश्व के विकासशील देशों की सबसे बड़ी बीमारी है.

Types
हेपेटाइटिस ए Hepatitis A
वायरल हेपेटाइटिस के तौर पर देखा जाय तो हेपेटाइटिस ए का संक्रमण सबसे ज्यादा होता है. क्योंकि यह दूषित भोजन और पानी की वजह से होता है. खाने-पीने से यह शरीर के अंदर जाता है और लिवर को प्रभावित करता है. वैसे तो इसके संक्रमण के भी इलाज उपलब्ध हैं लेकिन ज्यादातर परेशानी अपने से ही ठीक हो जाती है. हेपेटाइटिस ए की वजह से शरीर में दर्द, जोड़ों में दर्द और पीलिया की पेरशानी होती है.
हेपेटाइटिस ए की बीमारी में नींद की कमी और चक्कर आने की पेरशानी भी देखी जा सकती है. इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है साफ पानी और स्वच्छ भोजन का सेवन किया जाए.
हेपेटाइटिस बी Hepatitis B
वायरल हेपेटाइटिस में सबसे ज्यादा लोगों को प्रभावित करने में हेपेटाइटिस बी का नाम आता है. हेपेटाइटिस बी धीरे-धीरे लिवर को संक्रमित करता है. भारत के कुछ राज्यों में यह बीमारी बहुत ज्यादा होती है. ज्यादातर मामलों में यह लिवर में किसी चोट के कारण होती है. हेपेटाइटिस बी एक खतरनाक बिमारी है इसकी वजह से लिवर कैंसर भी हो सकता है. उपचार या इलाज के बारे में देखा जाए तो इसका इलाज आसानी से उपलब्ध है. हेपेटाइटिस बी की वजह से लिवर सिरोसिस का खतरा होता है. अगर समय रहते इसकी पहचान हो जाए तो इलाज संभव हैं. लिवर सिरोसिस होने पर लिवर प्रत्यारोपण ही एक मात्र इलाज बचता है.
हेपेटाइटिस सी Hepatitis C
हेपटाइटिस सी भी हेपेटाइटिस बी की तरह ही खतरनाक होता है. लिवर सिरोसिस या लिवर कैंसर का खतरा इसमें भी होता है. हेपेटाइटिस सी का इलाज संभव हैं. हेपेटाइटिस सी ज्यादातर रक्त संक्रमण की वजह से फैलता है. समय पर इसकी पहचान और इलाज बेहद जरूरी होता है.हेपेटाइटिस सी का इलाज अगर समय पर नहीं होता तो यह लिवर को खराब कर देता है. हेपेटाइटिस बी और सी के टीके भी उपलब्ध हैं.
हेपेटाइटिस ई Hepatitis E
यह बीमारी भी दूषित खाना और पानी की वजह से होती है. वैसे तो यह हेपेटाइटिस ए जैसी ही है लेकिन यह ज्यादा खतरनाक हो सकती है. प्रेगनेंसी के समय अगर महिलाओं को हेपेटाइटिस ई हो जाए तो खतरनाक हो सकता है. अभी हेपेटाइटिस ई का टीक मौजूद नहीं है, लेकिन इसके संक्रमण से बचने के लिए खान-पान में जरूरी साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए.
हेपेटाइटिस के कोई भी लक्षण अगर आपको दिखाई दें तो आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए. क्योंकि कोई भी हेपेटाइटिस हो सभी आपके लिवर पर हमला करते हैं. लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है. अगर यह खराब हो गया तो शरीर ठीक से काम नहीं करेगा. हेपेटाइटिस की बीमारी से बचाव ही इसका सबसे बड़ा इलाज है.
Common Symptoms
-भूख न लगना,
-जी मिचलाना और पेट में दर्द।
-आंखों में पीलापन,
-थकान और तेजी से वजन कम होना।
- पाचन संबंधी समस्या,
-उल्टियां आना,
-पैरों में सूजन,
-सिर में दर्द,
-हल्का बुखार रहना
-और यूरिन का कलर पीला होना।
Diagnosis
इसमें लिवर फंक्सन टैस्ट, एंटीजन और एंटीबॉडीज टैस्ट कराते हैं ताकि पता चल सके कि कौनसा वायरस है और कितना एक्टिव है।
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