Liver Cirrhosis
- Rituraj Diwan
- Jul 26, 2020
- 9 min read
सिरोसिस क्या है?

लीवर सिरोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लीवर में धीरे-धीरे खराबी आने लगती है और दीर्घकालिक क्षति के कारण लीवर सामान्य रूप से कार्य नहीं कर पाता है। लीवर शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य करता है, जिसमें शरीर से हानिकारक पदार्थों को दूर करना, रक्त की सफाई करना और महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का निर्माण करना आदि शामिल है।
जब लीवर किसी कारण से क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो यह खुद ही अपनी मरम्मत करने की कोशिश करता है। इस प्रक्रिया में स्कार ऊतक (Scar tissue/ ऊतकों पर खरोंच जैसे निशान) बनते हैं। ये स्कार ऊतक लीवर के स्वस्थ ऊतकों को बदल (Replace) देते हैं और आंशिक रूप से लीवर में खून के बहाव को रोक देते हैं। जैसे ही स्कार ऊतक एकत्रित होने लगते हैं, लीवर की ठीक से काम करने की क्षमता में गिरावट आने लगती है। जैसे-जैसे सिरोसिस बढ़ता है, वैसे-वैसे और अधिक स्कार ऊतक बनते हैं और लीवर के कार्यों के लिए मुश्किलें आती हैं। सिरोसिस होने के कई कारण हो सकते हैं, सबसे सामान्य कारणों में लंबे समय से शराब की लत और हेपेटाइटिस है।
सिरोसिस का परीक्षण खून टेस्ट, इमेजिंग टेस्ट्स या बायोप्सी द्वारा किया जा सकता है। सिरोसिस का इलाज संभव नहीं है, इसलिए इसके इलाज के तहत रोग के लक्षणों व जटिलताओं को मैनेज करना व स्थिति को अधिक बद्तर होने से रोकथाम करना शामिल होता है। अधिक खतरनाक स्थिति में सिर्फ लीवर प्रत्यारोपण ही एकमात्र विकल्प होता है।
लीवर सिरोसिस के चरण - Stages of Liver Cirrhosis
सिरोसिस के कितने चरण हैं?
सिरोसिस को एक पैमाने पर वर्गीकृत किया जाता है, जिसे चाइल्ड पुग स्कोर (Childs-Pugh score) कहा जाता है, जो निम्नानुसार है:
• अपेक्षाकृत हल्का
• मध्यम
• गंभीर
डॉक्टर भी सिरोसिस को कॉम्पेनसेटेड या डीकॉम्पेनसेटेड के रूप में वर्गीकृत करते हैं -
• कॉम्पेनसेटेड लीवर का मतलब है कि क्षति होने के बावजूद भी लीवर सामान्य रूप से कार्य कर रहा है।
• डीकॉम्पेनसेटेड सिरोसिस में क्षतिग्रस्त लीवर अपना काम कतई ठीक से नहीं कर सकता और साथ ही कई सारे गंभीर लक्षणों को जन्म दे देता है।
लीवर सिरोसिस के कारण - Liver Cirrhosis Causes & Risks
सिरोसिस किन वजहों से होता है?
ऐसी बहुत सारी बीमारियां व अन्य स्थितियां हैं जो लीवर को क्षतिग्रस्त करके लीवर सिरोसिस पैदा कर सकती हैं। सबसे सामान्य कारणों में निम्न शामिल हो सकती हैं -
• लंबे समय से शराब का उपयोग करना।
• दीर्घकालिक वायरल हेपेटाइटिस (हेपेटाइटिस बी और सी)।
• लीवर में वसा एकत्रित होना।
विषाक्त पदार्थों जिनमें शराब भी शामिल है उनको लीवर द्वारा ही विघटित किया जाता है। अगर शराब की मात्रा अत्यधिक है तो उसके लिए लीवर को अधिक काम करना पड़ता है जिससे अंत में लीवर की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
स्वस्थ लोगों के मुकाबले रोजाना और अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने वाले लोगों में लीवर सिरोसिस विकसित होने की संभावनाएं अधिक होती हैं। विशेष रूप से अगर अधिक मात्रा में शराब पीने वाले लोग तकरीबन दस साल तक अपना शराब सेवन जारी रखते हैं, तो निश्चित रूप से उनको लीवर सिरोसिस हो सकता है।
सिरोसिस होने के अन्य संभावित कारण जिनमें निम्न शामिल हैं:
• पित्त नलिकाएं अकड़ जाना और उनमें निशान पड़ना (और पढ़ें - )
• सिस्टोमियासिस जैसे संक्रमण
• दवाएं जैसे कि मैथोट्रेक्सेट (Methotrexate) का अधिक प्रयोग
• आनुवंशिक पाचन संबंधी विकार
• शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण होने वाले लीवर के रोग (ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस)
• शरीर में अधिक आयरन हो जाना (हेमोक्रोमैटोसिस)
• सिस्टिक फाइब्रोसिस
• लीवर में तांबे का संग्रह (विल्सन रोग)
• पित्त नलिकाओं का कमजोर होना (बिलायरी अस्ट्रेसिया)
• शुगर मेटाबॉलिज्म के आनुवंशिक रोग (गैलेक्टोसेमिया या ग्लाइकोजन स्टोरेज रोग)
• पित्त नलिकाएं खराब होना (प्राइमरी बिलायरी सिरोसिस)
सिरोसिस का खतरा कब बढ़ जाता है?
• अत्याधिक मात्रा में शराब पीना
• कोई आनुवंशिक लीवर रोग होना, जैसे हेमोक्रोमैटोसिस
• कोई प्रतिरक्षा प्रणाली संबंधी समस्या, जो लीवर सिरोसिस का कारण बन रही हो।
• अगर आप मोटापे से ग्रस्त हैं या अधिक वजन है और आपको फैटी लीवर की समस्या है
• लंबे समय से कोई लीवर संक्रमण होना जैसे हैपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस सी
लीवर सिरोसिस के लक्षण - Liver Cirrhosis Symptoms
सिरोसिस के क्या लक्षण होते हैं?
सिरोसिस के शुरूआती चरणों के दौरान इसके लक्षण सामान्य नहीं होते।
हालांकि, जैसे - जैसे स्कार टिश्यू एकत्रित होती हैं, वैसे - वैसे लीवर की ठीक से काम करने की क्षमता कमजोर होती जाती है। इसके लक्षण और संकेत निम्न हो सकते हैं -
• ऊपरी पेट पर रक्त कोशिकाएं त्वचा पर दिखाई देना
• थकान
• हथेलियां लाल होना
• कमजोरी
• भूख कम लगना
• अनिद्रा
• खुजलीदार त्वचा
• वजन कम होना
• जी मिचलाना या मतली
• लीवर वाली जगह पर दर्द होना या छूने पर दर्द महसूस होना
जैसे ही सिरोसिस की स्थिति बढ़ती है, तो निम्न लक्षण व संकेत दिखाई देने लग सकते हैं:
• दिल की धड़कन तेज होना
• मांसपेशियों में ऐंठन
• नाक से खून बहना
• दाहिने कंधे में दर्द होना
• सांस फूलना
• व्यक्तित्व में बदलाव
• मसूड़ों से खून बहना
• मल का रंग तारकोल जैसा होना या अधिक पीले रंग का मल आना
• पेशाब का रंग गहरा होना
• उल्टी के साथ खून आना
• चलने या हिलने-डुलने संबंधी समस्याएं
• शरीर और ऊपरी बाजू की सघनता में कमी
• भ्रम
• सेक्स ड्राइव में कमी
• याददाश्त संबंधी समस्याएं
• बार-बार बुखार होना और संक्रमण के जोखिम बढ़ना।
• चक्कर आना
• टांगों, पैरो व टखनों में तरल पदार्थ बनना (इस स्थिति को एडिमा के नाम से भी जाना जाता है)।
• बाल झड़ना
• त्वचा नीली होने के प्रति (नील पड़ना) अति संवेदनशीलता
• पीलिया या त्वचा पीली होना और आंखें व जीभ सफेद होना
लीवर सिरोसिस का परीक्षण - Diagnosis of Liver Cirrhosis
लीवर सिरोसिस की समस्या का पता कैसे लगाया जाता है?
लीवर सिरोसिस का परीक्षण मरीज की पिछली मेडिकल जानकारी और उसकी शारीरिक जांच के साथ शुरू किया जाता है। डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री संबंधी पूरी जानकारी ले सकते हैं। आपका पिछला मेडिकल इतिहास देखते वक्त डॉक्टर यह ध्यान देते हैं कि क्या आप बहुत अधिक शराब पीते हैं या फिर हेपेटाइटिस सी के संपर्क में आएं हैं या आपके परिवार के लोगों को प्रतिरक्षा संबंधी तंत्र से जुड़ी दिक्कत रही है। एेसे या इस तरह के अन्य खतरे होने पर आपका शारीरिक परिक्षण किया जा सकता है, इसके दौरान कुछ लक्षणों के देखे या न देखे जाने पर ध्यान दिया जाता है -
• त्वचा में पीलापन आना
• अंडकोषों का आकार छोटा होना
• स्तनों के ऊतक बढ़ना (पुरूषों में)
• सतर्कता में कमी होना
• आंखों में पीलापन आना (पीलिया)
• हथेलियों में लालिमा आना
• हाथ कांपना
• लीवर या सप्लीन का आकार बढ़ना
टेस्ट की मदद से यह पता लगाया जाता है कि लीवर में कितनी क्षति हुई है। कुछ टेस्टों को सिरोसिस का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है, जो निम्न हैं -
• कम्पलीट ब्लड काउंट (एनीमिया का पता लगाने के लिए)
• कॉग्युलेशन ब्लड टेस्ट (यह देखने के लिए की खून के थक्के कितनी तीव्रता से जम रहे हैं)
• एल्बुमिन (लीवर में प्रोटीन के उत्पादन के लिए टेस्ट)
• लीवर फंक्शन टेस्ट
• अल्फा फेटोप्रोटीन (लीवर कैंसर की जांच करना)
कुछ प्रकार के टेस्ट जिनकी मदद से लीवर का मूल्यांकन किया जाता है:
• ऊपरी एंडोस्कोपी (यह देखने के लिए कि इसोफेजिलवैरेसिज उपस्थित हैं या नहीं)
• लीवर के लिए अल्ट्रासाउंड स्कैन
• पेट के लिए एमआरआई
• पेट के लिए सीटी स्कैन
• लीवर बायोप्सी (सिरोसिस के लिए एक निश्चित टेस्ट)
लीवर सिरोसिस का इलाज - Liver Cirrhosis Treatment
लीवर सिरोसिस का उपचार कैसे होता है?
लीवर सिरोसिस का उपचार इसके कारणों और इसमें किसी प्रकार की जटिलताएं है या नहीं, इस बात पर निर्भर करता है। सिरोसिस के शुरूआती चरणों में इसके उपचार का मुख्य लक्ष्य 'स्कार ऊतकों' के बढ़ने की गति को कम करना और इसके कारण होने वाली जटिलताओं की रोकथाम करना होता है।
जैसे-जैसे लीवर सिरोसिस बढ़ता है मरीज को अतिरिक्त उपचार और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है, ताकि जटिलताओं को मैनेज किया जा सके। इसके उपचार में निम्न शामिल हो सकते हैं -
शराब व अन्य गैर-कानूनी पदार्थों के सेवन से बचना -
लीवर सिरोसिस से ग्रस्त लोगों को शराब या नशे से जुड़े किसी भी प्रकार के पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि, ये सभी पदार्थ लीवर को और अधिक क्षतिग्रस्त कर देते हैं।
दवाओं से होने वाली समस्याओं की रोकथाम करना -
जो व्यक्ति लीवर सिरोसिस से ग्रस्त हैं उनको कोई नई दवा शुरू करने के लिए सावधान रहना चाहिए। किसी भी प्रकार की दवाएं या विटामिन आदि शुरू करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए। सिरोसिस से ग्रस्त लोगों को किसी प्रकार के पूरक या अन्य वैकल्पिक दवाएं लेने से बचना चाहिए। साथ ही उन्हें मेडिकल स्टोर से कोई एेसे ही मिल जाने वाली दवा भी नहीं खरीदनी चाहिए।
सिरोसिस दवाओं को खून से फिल्टर करने के लिए लीवर की क्षमता कम कर देता है। जब लीवर की क्षमता कम होती है तो दवाएं अपेक्षा से अधिक काम करने लगती हैं। कुछ प्रकार की दवाएं व विटामिन भी लीवर के कार्यों को प्रभावित कर सकती हैं।
वायरल हेपेटाइटिस के लिए टीकाकरण व जांच -
सिरोसिस से ग्रस्त सभी लोगों को हेपेटाइटिस ए और बी के खिलाफ टीकाकरण करवाने पर विचार करना चाहिए। क्योंकि ये दोनों संक्रमण सिरोसिस की स्थिति को और अधिक बदतर बना सकते हैं। टीकाकरण द्वारा इन दोनों प्रकार के संक्रमणों की आसानी से रोकथाम की जा सकती है।
लीवर सिरोसिस से जुड़े लोगों को स्क्रीनिंग ब्लड टेस्ट भी करवाना चाहिए।
सिरोसिस के कारणों का इलाज करना -
डॉक्टर सिरोसिस विकसित करने वाले कारणों में से कुछ का इलाज कर सकते हैं, उदाहरण के लिए हेपेटाइटिस बी और सी के लिए एंटीवायरल दवाएं लिखना। कुछ उदाहरणों के मुताबिक ये दवाएं वायरल संक्रमण को भी ठीक कर सकती हैं। डॉक्टर प्रतिरक्षित हेपेटाइटिस का इलाज कोर्टिकोस्टेरॉयड के साथ या अन्य दवाएं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को दबाती हैं, के साथ करते हैं।
यदि हेमोक्रोमैटोसिस और विल्सन रोग का जल्दी पता लगा लिया जाए, तो डॉक्टर इनका इलाज कर सकते हैं। ये दोनों लीवर रोगों के आनुवंशिक रूप होते हैं, जो लीवर में आयरन या कॉपर बनने के कारण विकसित होते हैं। डॉक्टर आमतौर पर अरसोडायोल (Ursodiol) के साथ पित्त नलिकाओं में कमी होने या ब्लॉकेज के कारण होने वाले लीवर रोगों का इलाज कर सकते हैं।
सिरोसिस के लक्षणों व जटिलताओं का इलाज करना -
• खुजली और पेट में दर्द - आपके डॉक्टर सिरोसिस से जुड़े कई लक्षणों को ठीक करने के लिए दवाएं दे सकते हैं, खुजली और पेट दर्द इनमें शामिल है।
• आहार और जीवनशैली में बदलाव करना - कम वसा वाले पौष्टिक आहार, प्रोटीन में उच्च आहार और नियमित एक्सरसाइज करना कुपोषण से बचाव करते है।
• शराब पीने से बचना - अल्कोहल लीवर को क्षतिग्रस्त करती है और बचे हुए स्वस्थ ऊतकों को भी नुकसान पहुंचाती है।
• कुछ प्रकार की दवाएं लेना - जैसे कि बीटा ब्लॉकर्स, ब्लड प्रेशर को कम करने और खून बहने के खतरे को कम करने के लिए।
• कुछ प्रकार की दवाओं से बचना जो लक्षणों को गंभीर बनाती हैं - जैसे की नोन-स्टेरॉयडल एंटी इन्फ्लेमेट्री दवाएं (NSAIDs), ओपिएट्स या सीडेटीव्स दवाएं आदि।
• नियमित रूप से मेडिकल चेक-अप करवाना - जिसमें लीवर कैंसर की जांच करने के लिए स्कैन भी शामिल हों।
• नियमित रूप से एंडोस्कोपिक प्रक्रिया का इस्तेमाल
लीवर प्रत्यारोपण –
अगर सिरोसिस लीवर फेलियर का कारण बन रहा है या जटिलताओं पर इलाज बेअसर हो रहा है, तो डॉक्टर लीवर प्रत्यारोपण पर विचार कर सकते हैं। लीवर प्रत्यारोपण एक प्रकार की सर्जरी होती है। इस सर्जरी प्रक्रिया में रोगग्रस्त या क्षतिग्रस्त लीवर या उसके किसी हिस्से को स्वस्थ तथा रोगमुक्त लीवर या उसके टुकड़े के साथ बदल दिया जाता है। स्वस्थ लीवर किसी दूसरे स्वस्थ व्यक्ति द्वारा दिया जाता है, जिसे अंगदान कर्ता (Organ donor) कहा जाता है।
लीवर सिरोसिस से बचाव के उपाय - Prevention of Liver Cirrhosis
सिरोसिस की रोकथाम कैसे करें?
अल्कोहल (शराब) की मात्रा को सीमित करें -
अगर आपके सिरोसिस की समस्या अल्कोहल से जुड़ी है, तो आपको तुरंत शराब का सेवन बंद कर देना चाहिए। शराब, सिरोसिस के बढ़ने की गति को और तेज कर देती है चाहे सिरोसिस किसी भी कारण से हुआ हो।
अगर आपको शराब के सेवन को कम करने में कठिनाई हो रही है, तो आपके डॉक्टर इसके लिए आपको सलाह दे सकते हैं और आपकी मदद कर सकते हैं।
खुद को हेपेटाइटिस से बचाना -
• हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी ये दोनो ही संक्रमण असुरक्षित यौन संबंधों या एक ही इंजेक्शन का इस्तेमाल करने से फैलते हैं।
• सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करना और किसी अन्य व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई सुई का इस्तेमाल ना करके हेपेटाइटिस बी और सी होने के जोखिम को कम किया जा सकता है।
• हेपेटाइटिस बी के लिए टीकाकरण उपलब्ध है, लेकिन हेपेटाइटिस सी के लिए अभी कोई टीका उपलब्ध नहीं है।
स्वस्थ भोजन का सेवन करें -
वनस्पति पर आधारित आहार चुनें जिसमें खूब मात्रा में फल और सब्जियां होती हैं। वसायुक्त और तले हुए खाद्य पदार्थों की मात्रा को कम करें। कैफीन युक्त कॉफी का सेवन करना फाइब्रोसिस और लीवर कैंसर से बचा सकता है।
स्वस्थ वजन का लक्ष्य बनाएं -
नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लीवर रोग विकसित होने के जोखिम को कम करने के लिए अपने स्वस्थ वजन को बनाए रखने की कोशिश करें। ध्यान दें कि इसके चलते सिरोसिस विकसित हो सकता है एेसे में हमेशा संतुलित आहार का सेवन करें और नियमित रूप से व्यायाम करें ताकि आप स्वस्थ वजन प्राप्त कर सके। इस वजन को हमेशा मैंटेन भी करें।
लीवर सिरोसिस की जटिलताएं - Liver Cirrhosis Complications in Hindi
सिरोसिस की जटिलताएं क्या हो सकती हैं?
सिरोसिस से होने वाली जटिलताएं निम्न हो सकती हैं -
• किडनी खराब हो जाना
• लीवर कैंसर
• त्वचा पर नीला निशान पड़ना (प्लेटलेट कम होने के कारण या खराब क्लोटिंग के कारण)
• इन्सुलिन रेसिसटेंट और टाईप 2 डायबिटीज
• हेपेटिक एन्सेफैलोपैथी (मस्तिष्क में रक्त के विषाक्त पदार्थों के प्रभाव के कारण भ्रम होना)
• पित्ताशय की पथरी (पित्त नलिकाओं के बहाव में हस्तक्षेप करने के कारण पित्त नलिकाओं को कठोर बनाना तथा पथरी का निर्माण करना)
• तिल्ली का बढ़ना (स्पलेनोमेगैली)
• खून बहना (क्लोटिंग प्रोटीन घटने की वजह से)
• दवाओं के प्रति संवेदनशीलता (लीवर की दवाओं के प्रति प्रक्रिया)
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