INTESTINAL OBSTRUCTION
- Rituraj Diwan
- Jul 23, 2020
- 4 min read
आंत्र रुकावट क्या है?

एक सामान्य पाचन क्रिया में पचे हुऐ भोजन को करीब 25 फीट या उससे भी लंबी आंत से होकर गुजरना पड़ता है। पाचन क्रिया के बाद अपशिष्ट पदार्थ लगातार गति में रहता है। हालांकि आंत में किसी प्रकार की रुकावट आने से इसकी गति रुक जाती है।
इंटेस्टाइनल ऑबस्ट्रक्शन का मतलब ही होता है आंतों में रुकावट। इसमें भोजन या तरल पदार्थ आपकी छोटी आंत या बड़ी आंत से होकर नहीं गुजर पाता है। इस बीमारी में भोजन या लिक्विड आपके आंतों में ही रुका रहता है। इसे बाउल ऑबस्ट्रक्शन भी कहते हैं। इससे मल त्यागने और गैस पास करने में दिक्कत होती है। यह डायरिया का कारण भी बन सकता है। भोजन की रुकावट के कारण पेट में गैस्ट्रिक एसिड, गैस और एसिड बनता बनते रहते हैं। ऐसा होते रहने से पेट पर दबाव बढ़ता जाता है। आंतों में रुका हुआ भोजन और लिक्विड फूड पेट की गुहा में भी पहुंच जाते हैं। जो लगातार बैक्टीरिया फैलाते हैं। आगे चलकर इससे हालत गंभीर भी हाे जाती है।

कारण
इंटेस्टाइनल ऑबस्ट्रक्शन के कारण क्या हैं?
इंटेस्टाइनल ऑबस्ट्रक्शन ज्यादातर वयस्कों को होता है। बच्चों में इस तरह की समस्या कम देखने को मिलती है। आंतों में रुकावट के सबसे आम कारण हैं:
पेट का कैंसर
ट्यूमर भी आंतों को ब्लॉक कर सकता है। आंत के अंदर किसी असामान्य तरीके से मांस बढ़ना या ट्यूमर विकसित होने से भी आपकी आंतों में रुकावट आ सकती है।
आंतों में खून न पहुंचने से भी इंटेस्टाइनल ऑबस्ट्रक्शन हो सकता है।
यह तब होता है जब पेट की कोई सर्जरी हुई हो।
आंत में कोई बड़ी बीमारी होना।
डायवर्टीक्युलाइटिस- पाचन तंत्र में किसी संक्रमण के कारण सूजन आ जाती है, तो उसे डायवर्टीक्युलाइटिस कहते हैं। इस कारण भी इंटेस्टाइनल ऑबस्ट्रक्शन हो सकता है।
· आंतों में मरोड़ होना। आंत के किसी हिस्से में मरोड़ आ जाना, जिससे आंत पूरी तरह से ब्लॉक हो जाती है और उसके अंदर से कुछ भी गुजर नहीं पाता है।
· आंतों की मांसपेशियों में लकवा मार जाना, यदि आंतों की मांसपेशियां लकवाग्रस्त हो जाती हैं तो वे अपशिष्ट पदार्थों को आगे धकेलने में असमर्थ हो जाती हैं।
· हर्निया या आंत में स्कार ऊतक (ऊतकों पर खरोंच जैसे निशान) बन जाना, जिससे आंत पूरी तरह से संकुचित हो जाती है।
क्या चीजें हैं जो इंटेस्टाइनल ऑबस्ट्रक्शन की संभावना को बढ़ा सकती हैं?
आंतों में रुकावट या इंटेस्टाइनल ऑबस्ट्रक्शन होने के कई अन्य कारण हो सकते हैं, जैसे कि
पेट की सर्जरी होने पर आंतों में संक्रमण हो सकता है। जिससे यह बीमारी हो जाती है।
आंतों में सूजन होने पर मार्ग संकरा हो जाता है। जिससे भोजन गुजरने में परेशानी होती है।
पेट में कैंसर या ट्यूमर की सर्जरी हुई है तो भी इंटेस्टाइनल ऑबस्ट्रक्शन हो सकता है।
इस बीमारी की एक वजह डायबिटीज भी हो सकती है।
लक्षण
इंटेस्टाइनल ऑबस्ट्रक्शन के सामान्य लक्षण क्या हैं ?
इंटेस्टाइनल ऑब्सट्रक्शन यानी आंतों में रुकावट के सामान्य लक्षण हैं:
पेट में अचानक भयानक दर्द होना, ये आता है और फिर चला जाता है
भूख में कमी होना या खाने की इच्छा न होना
कब्ज की दिक्कत होना या पॉटी करने के दौन दर्द महसूस करना
उल्टी होना
गैस पास करने में दिक्कत होना
पेट में सूजन रहना
हो सकता है कि कुछ लक्षण यहां नहीं दिए गए हों। यदि इन लक्षणों के अलावा आपको अन्य कोई लक्षण महसूस हो रहे हैं तो अपने डॉक्टर से मिलें। अगर आपने इस समस्या का शुरूआती दौर पर ध्यान दे दिया तो भविष्य में होने वाली गंभीर शारीरिक स्थित से आप बच सकते हैं।
उपचार
इंटेस्टाइनल ऑबस्ट्रक्शन का परीक्षण कैसे किया जा सकता है?
डॉक्टर सबसे पहले पेट की जांच कर सकता है। डॉक्टर स्टेथोस्कोप से पेट के अंदर हो रही आवाजों को सुनते हैं। इससे डॉक्टर पेट के अंदर किसी गांठ का पता लगा सकते हैं। एक बच्चे में यह परीक्षण आसानी से हो सकता है।
डॉक्टर कुछ अन्य परीक्षण भी कर सकते हैं—
गुर्दे और यकृत में संक्रमण का पता लगाने के लिए डॉक्टर खून का परीक्षण करते हैं।
टेस्ट करने से पहले डॉक्टर आपकी डाइट को बदलने की सलाह दे सकते हैं।
एक्स-रे
सीटी स्कैन
डॉक्टर आपकी बड़ी आंत की जांच करने के लिए कोलोनोस्कोपी कर सकता है। एक ट्यूब के द्वारा ये परीक्षण होता है।
एनीमा का परीक्षण
इंटेस्टाइनल ऑबस्ट्रक्शन का इलाज कैसे करें?
इंटेस्टाइनल ऑबस्ट्रक्शन का इलाज इसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। इस बीमारी का इलाज घर पर ना करें।
इंटेस्टाइनल ऑबस्ट्रक्शन को ठीक करने के लिए कुछ दवा देकर भोजन और तरल पदार्थों को आंतों से साफ करने की कोशिश की जाएगी। इस दौरान आप कुछ खा-पी नहीं सकते हैं।
इस बीमारी के चलते डिहाइड्रेशन भी हो सकता है। डिहाइड्रेशन का इलाज करना जरूरी है। ये इलेक्ट्रोलाइट के असंतुलन से होता है।
इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर कुछ लिक्विड वाली दवाएं दे सकता है ।
इसमें यूरिन की सफाई होनी भी जरूरी है।
इसके अलावा एक ट्यूब को आपकी नाक के माध्यम से गले, पेट, और आंतों में डाला जाता है। जो आंतों की सफाई करता है।
इससे सूजन और उल्टी आने की समस्या भी खत्म हो जाती है।
अगर आपको ये समस्या किसी दवा के कारण हुई है तो डॉक्टर आपको वो दवा लिखेगा जिससे नशीले पदार्थ का प्रभाव कम हो।
यदि इन उपायों से समस्या ठीक नहीं होती है तो सर्जरी की आवश्यकता होगी। इसके इलाज के लिए आपको अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है।
इस बीमारी का इलाज ऑपरेशन द्वारा भी किया जाता है।
दवाएं
संक्रमण को कम करने के लिए एंटिबायोटिक्स
उल्टी से बचाए रखने के लिए एंटिनोसिया की दवाइयां
दर्द निवारक गोलियां
आंतों की रुकावट के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और न ही घर में इसके इलाज का प्रयास करना चाहिए।
घरेलू उपाय
डॉक्टर इस बीमारी का इलाज घर पर करने से मना करते हैं
फास्ट फूड खाने से बचें
अपनी डायट में हरी सब्जियां और जूस शामिल करें
बिना कारण जाने इलाज करना घातक हो सकता है
डॉक्टर कारण जानने के बाद ही दवाएं बताएगा
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